चल बहता चल इस नदी की धारा मे उस पार या फिर उस पार !
जैसे बहा था
प्यार की उस बहकती धारा मे
उफनते जज्बातों सा.
चल बहता चल नदी की धारा मे इस पार या उस पार !!
तिनको सा उड़ता चल हवाओ मे इस पार या उस पार !
अविकल सा अविवेकी सा अस्वेदंशील सा
जैसे उड़ा करता था
किसी मदमस्त परिंदे सा
बेपरवाह, बेखबर जिंदगी के हर पहलू से
प्यार की खुमारी मे
इस पार या फिर उस पार!!
जैसे बहा था
प्यार की उस बहकती धारा मे
उफनते जज्बातों सा.
चल बहता चल नदी की धारा मे इस पार या उस पार !!
तिनको सा उड़ता चल हवाओ मे इस पार या उस पार !
अविकल सा अविवेकी सा अस्वेदंशील सा
जैसे उड़ा करता था
किसी मदमस्त परिंदे सा
बेपरवाह, बेखबर जिंदगी के हर पहलू से
प्यार की खुमारी मे
इस पार या फिर उस पार!!
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